आज हम एक ऐसे विषय पर बात करेंगे जिसका अनुभव कई पुरुष करते हैं, लेकिन इसके बारे में बात करने में बहुत कम लोग सहज महसूस करते हैं—स्खलन विकार। चाहे आप 20 के हों या 60 के, यौन स्वास्थ्य आपके समग्र कल्याण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। और अगर आप शीघ्रपतन, विलंबित स्खलन, या दर्दनाक स्खलन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। असल में, ये समस्याएं आपकी सोच से कहीं अधिक आम हैं, खासकर भारतीय पुरुषों में।
इस लेख में, हम यह समझेंगे कि स्खलन विकार क्या हैं, ये क्यों होते हैं, और इन्हें प्रबंधित करने या दूर करने के लिए आप क्या कर सकते हैं। तो, चलिए शुरू करते हैं,

ejaculation disorder–स्खलन विकार क्या है,?
सबसे पहले—स्खलन विकार आखिर होता क्या है? सरल शब्दों में, यह कोई भी ऐसी स्थिति है जो यौन गतिविधि के दौरान स्खलन के समय, नियंत्रण, या संवेदना को प्रभावित करती है। मुख्य रूप से तीन प्रकार के स्खलन विकार होते हैं:
- शीघ्रपतन (Premature Ejaculation – PE): यह तब होता है जब स्खलन बहुत जल्दी हो जाता है, अक्सर संभोग शुरू होने के तुरंत बाद या उससे पहले। यह पुरुषों में यौन स्वास्थ्य संबंधी सबसे आम समस्याओं में से एक है।
- विलंबित स्खलन (Delayed Ejaculation – DE): इसके विपरीत, विलंबित स्खलन तब होता है जब स्खलन में असामान्य रूप से अधिक समय लगता है, भले ही पर्याप्त उत्तेजना हो।
- दर्दनाक स्खलन (Painful Ejaculation): जैसा कि नाम से पता चलता है, इसमें स्खलन के दौरान या बाद में दर्द या बेचैनी होती है, जो अंतर्निहित चिकित्सीय स्थितियों के कारण हो सकती है।
अगर आप इनमें से किसी का भी अनुभव कर रहे हैं, तो घबराएं नहीं। स्खलन विकार उपचार योग्य हैं, और इसके मूल कारण को समझना समाधान की दिशा में पहला कदम है।
(ejaculation disorder)-क्यों होता है, और इसके पीछे का कारण क्या है?
स्खलन विकार शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और जीवनशैली से जुड़े कई कारणों से हो सकते हैं।
- मधुमेह: उच्च रक्त शर्करा का स्तर नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्खलन प्रभावित होता है।
- हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन का निम्न स्तर यौन क्रिया को प्रभावित कर सकता है।
- प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं: प्रोस्टेटाइटिस या प्रोस्टेट के बढ़ने जैसी स्थितियां दर्दनाक या विलंबित स्खलन का कारण बन सकती हैं।
- दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स या ब्लड प्रेशर की दवाएं, स्खलन में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
2. मनोवैज्ञानिक कारण
- तनाव और चिंता: प्रदर्शन संबंधी चिंता या सामान्य तनाव शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- अवसाद: मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं यौन इच्छा और क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
- रिश्ते संबंधी समस्याएं: साथी के साथ संघर्ष या अंतरंगता की कमी स्खलन विकारों में योगदान दे सकती है।
3. जीवनशैली से जुड़े कारण
- असंतुलित आहार: प्रोसेस्ड फूड और पोषक तत्वों की कमी वाला आहार समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिसमें यौन स्वास्थ्य भी शामिल है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी: निष्क्रिय जीवनशैली मोटापे और खराब रक्त संचार का कारण बन सकती है, जो स्खलन को प्रभावित करती है।
- धूम्रपान और शराब: ये आदतें रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं और यौन क्रिया को कमजोर कर सकती हैं।
भारत में स्खलन विकार कितने आम हैं?
हालांकि भारत में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं (यौन स्वास्थ्य पर चर्चा करने के कलंक के कारण), अध्ययन बताते हैं कि शीघ्रपतन वैश्विक स्तर पर लगभग 20-30% पुरुषों को प्रभावित करता है, और भारत में भी संख्या लगभग ऐसी ही हो सकती है। विलंबित और दर्दनाक स्खलन कम आम हैं, लेकिन फिर भी महत्वपूर्ण समस्याएं हैं।
समस्या यह है कि कई भारतीय पुरुष सांस्कृतिक वर्जनाओं या शर्म के कारण मदद लेने से हिचकिचाते हैं। लेकिन यहां बात समझने वाली है: स्खलन विकार चिकित्सीय स्थितियां हैं, न कि आपकी मर्दानगी का प्रतिबिंब। मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत की निशानी है।
(Ejaculation disorder) के लक्षण कैसे होतें है,?
स्खलन विकार (Ejaculation Disorder) के लक्षण व्यक्ति विशेष और उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- स्खलन बहुत जल्दी हो जाना, यानी संभोग शुरू होने के कुछ ही सेकंड या मिनटों में वीर्यपात हो जाना।
- पर्याप्त उत्तेजना और इच्छा के बावजूद स्खलन में असामान्य रूप से अधिक समय लगना या बिल्कुल भी स्खलन न होना।
- स्खलन के दौरान या बाद में जलन, दर्द या असहज महसूस होना।
- स्खलन के समय वीर्य बाहर निकलने के बजाय मूत्राशय में चला जाना, जिसे रेट्रोग्रेड इजैकुलेशन (Retrograde Ejaculation) कहते हैं।
- यौन संतुष्टि में कमी महसूस होना या संभोग के दौरान आनंद की अनुभूति कम होना।
अगर आपने इनमें से कोई भी लक्षण देखा है, तो डॉक्टर से परामर्श करना एक अच्छा विचार है। समय पर हस्तक्षेप बड़ा बदलाव ला सकता है।
मधुमेह और स्खलन संबंधी समस्याओं का संबंध
मधुमेह शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को बढ़ाता है, जो नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह नुकसान शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है, जिसमें यौन अंग भी शामिल हैं। मधुमेह के कारण स्खलन संबंधी समस्याएं मुख्य रूप से इन कारणों से होती हैं:
- नसों को नुकसान (न्यूरोपैथी):
- मधुमेह के कारण नसों को नुकसान पहुंचता है, जिससे स्खलन की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- यह नुकसान शीघ्रपतन, विलंबित स्खलन, या दर्दनाक स्खलन का कारण बन सकता है।
- रक्त प्रवाह में कमी:
- मधुमेह रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण और कठोर बना सकता है, जिससे यौन अंगों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है।
- इससे स्खलन की क्षमता प्रभावित होती है।
- हार्मोनल असंतुलन:
- मधुमेह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है, जो यौन इच्छा और स्खलन को प्रभावित करता है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- मधुमेह के साथ जीवन जीने से तनाव, चिंता और अवसाद हो सकता है, जो स्खलन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
मधुमेह के कारण स्खलन संबंधी समस्याओं के लक्षण
मधुमेह के कारण स्खलन संबंधी समस्याएं कई तरह से देखने को मिल सकती हैं। सबसे आम लक्षणों में सेक्स के दौरान वीर्यपात में कठिनाई, शीघ्रपतन या देरी से स्खलन शामिल हैं।
कुछ पुरुषों को रिवर्स स्खलन की समस्या हो सकती है, जिसमें वीर्य बाहर निकलने की बजाय मूत्राशय में चला जाता है। इस स्थिति में स्खलन के दौरान वीर्य कम या बिल्कुल नहीं निकलता और पेशाब के बाद मूत्र गाढ़ा या दूधिया दिखाई दे सकता है।
मधुमेह से ग्रस्त पुरुषों को अक्सर नपुंसकता (Erectile Dysfunction) की समस्या भी होती है, जिससे लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आ पाता और स्खलन प्रभावित हो सकता है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर के कारण नसों को नुकसान (Neuropathy) पहुंच सकता है, जिससे स्खलन की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
कई बार मधुमेह के कारण हार्मोन असंतुलन भी हो सकता है, जिससे सेक्स ड्राइव में कमी आ सकती है और स्खलन का नियंत्रण कमजोर हो सकता है। कुछ पुरुषों को सेक्स के दौरान आनंद में कमी महसूस हो सकती है या वीर्यपात के समय सुखद अनुभव न हो।
मधुमेह के कारण स्खलन संबंधी समस्याओं को कैसे रोकें?
मधुमेह के कारण होने वाली स्खलन संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए सबसे जरूरी है ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना। नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और इंसुलिन सही समय पर लें। संतुलित आहार अपनाएं, जिसमें फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे और प्रोटीन शामिल हों। अधिक मीठे और तले-भुने खाने से बचें, क्योंकि यह ब्लड शुगर को बढ़ाता है और नसों को नुकसान पहुंचा है।
नियमित व्यायाम और योग करने से न केवल ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, बल्कि यह शरीर की नसों और रक्त संचार को भी दुरुस्त रखता है, जिससे स्खलन की समस्या में सुधार होता है। खासतौर पर किगेल एक्सरसाइज और पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम फायदेमंद हो सकते हैं।
तनाव और चिंता को कम करना भी जरूरी है, क्योंकि मानसिक तनाव का असर स्खलन और यौन शक्ति पर पड़ सकता है। ध्यान (मेडिटेशन) और प्राणायाम जैसी तकनीकों को अपनाने से मन शांत रहेगा और परफॉर्मेंस एंग्जायटी दूर होगी।
अगर मधुमेह के कारण रिवर्स स्खलन या अन्य स्खलन संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। कुछ दवाएं और थेरेपी इस समस्या को सही करने में आपकी मदद कर सकती हैं। नर्व डैमेज को कम करने के लिए विटामिन बी12 और एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन फायदेमंद होता है।
धूम्रपान और शराब से बचना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि ये नसों को कमजोर कर सकते हैं और यौन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
सही दिनचर्या, हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज से मधुमेह के कारण होने वाली स्खलन समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
ध्यान, योग, या परामर्श से तनाव को कम करें।-> मधुमेह और यौन स्वास्थ्य की नियमित जांच करवाएं।
शीघ्रपतन और रिश्तों से जुड़ी समस्याएं
शीघ्रपतन (Premature Ejaculation – PE) न केवल एक शारीरिक समस्या है, बल्कि यह रिश्तों को भी गहराई से प्रभावित कर सकटी है। यह समस्या पुरुषों में आत्मविश्वास की कमी, तनाव और चिंता का कारण बनती है, जो रिश्तों में दूरियां पैदा कर सकती है। इस बारें में, हम शीघ्रपतन और रिश्तों से जुड़ी समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, और यह भी जानेंगे कि इन समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है।?
शीघ्रपतन एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष संभोग शुरू होने के कुछ मिनटों के भीतर ही स्खलन कर देता है, जबकि वह और उसका साथी अभी तक संतुष्ट नहीं हुए होते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र के पुरुषों को प्रभावित कर सकती है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे की :> :
तनाव, चिंता, या अवसाद।
हार्मोनल असंतुलन, प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं, या मधुमेह।
धूम्रपान, शराब, या अस्वस्थ आहार।
शीघ्रपतन और रिश्तों पर प्रभाव
शीघ्रपतन न केवल पुरुषों को प्रभावित करता है, बल्कि इसका असर उनके रिश्तों पर भी पड़ता है। यहां कुछ प्रमुख समस्याएं दी गई हैं जो शीघ्रपतन के कारण उत्पन्न हो सकती हैं,
- शीघ्रपतन के कारण पुरुष अपने यौन प्रदर्शन को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
- यह आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकता है, जो रिश्ते में संवाद की कमी को जन्म देता है।
- साथी को लग सकता है कि उसकी जरूरतों और इच्छाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
- इससे रिश्ते में असंतोष और तनाव पैदा हो सकता है।
- शीघ्रपतन के कारण दोनों साथी यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
- यह रिश्ते में असंतोष और दूरियां पैदा कर सकता है।
- शीघ्रपतन के कारण पुरुष अक्सर इस विषय पर बात करने से कतराते हैं।
- इससे साथी के साथ संवाद की कमी हो सकती है, जो रिश्ते को और खराब कर सकती है।
- शीघ्रपतन के कारण पुरुषों में चिंता, अवसाद, और तनाव बढ़ सकता है।
- यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जो रिश्ते को और जटिल बना सकता है।
शीघ्रपतन से जुड़ी समस्याओं का समाधान
शीघ्रपतन और इससे जुड़ी रिश्ते संबंधी समस्याओं पर काबू पाने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं,
- अपने साथी के साथ खुलकर बात करें और अपनी समस्याओं को साझा करें।
- यह संवाद बढ़ाने और रिश्ते में विश्वास बनाने में मदद करेगा।
- शीघ्रपतन के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। दवाएं, थेरेपी, या अन्य उपचार विकल्प मददगार हो सकते हैं।
- सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (SSRIs) जैसी दवाएं शीघ्रपतन को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
- स्टार्ट-स्टॉप विधि: संभोग के दौरान उत्तेजना को रोकें और फिर से शुरू करें। यह स्खलन पर नियंत्रण बढ़ाने में मदद करता है।
- स्क्वीज तकनीक: स्खलन के करीब महसूस होने पर लिंग के आधार को दबाएं। यह उत्तेजना को कम करता है।
- संतुलित आहार: स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, और प्रोटीन शामिल हों।
- नियमित व्यायाम: योग, वॉकिंग, या जिम जैसी गतिविधियों से तनाव कम होता है और यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- धूम्रपान और शराब छोड़ें: ये आदतें यौन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- तनाव और चिंता को कम करने के लिए ध्यान, योग, या परामर्श लें।
- अगर आप अवसाद या चिंता से जूझ रहे हैं, तो मनोवैज्ञानिक से परामर्श लें।
- अपने साथी के साथ मिलकर समस्या का समाधान खोजें। यह रिश्ते में विश्वास और अंतरंगता बढ़ाएगा।
- यौन गतिविधियों के दौरान धैर्य रखें और एक-दूसरे की भावनाओं को समझें।
(Ejaculation Disorders) रोकने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद, जो कि भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, कई जड़ी-बूटियाँ प्रदान करता है जो स्खलन विकार (Ejaculation Disorders) को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। ये जड़ी-बूटियाँ यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, स्टैमिना बढ़ाने और हार्मोन को संतुलित करने के लिए जानी जाती हैं। नीचे छह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सरल और पूर्ण विवरण दिया गया है जो मदद कर सकती हैं,
स्खलन संबंधी विकार निराशाजनक और शर्मनाक हो सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे आपके जीवन को नियंत्रित करें। सही जानकारी और उपचार के साथ, आप अपने यौन स्वास्थ्य पर नियंत्रण पा सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। चाहे वह जीवनशैली में बदलाव करना हो, चिकित्सा सहायता लेना हो, या बस अपने साथी के सामने खुलना हो, आपका हर कदम आपको समाधान के करीब ले जाता है।
इसलिए, यदि आप चुपचाप संघर्ष कर रहे हैं, तो कार्रवाई करने का समय आ गया है। आपका स्वास्थ्य इसके लायक है। और याद रखें, आप अकेले नहीं हैं – लाखों पुरुष समान चुनौतियों का सामना करते हैं,
शीघ्रपतन एक आम समस्या है, लेकिन इसे प्रबंधित किया जा सकता है। सही उपचार, जीवनशैली में बदलाव, और साथी के साथ खुलकर बात करने से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। याद रखें, यौन स्वास्थ्य आपके समग्र कल्याण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस पर ध्यान देना जरूरी है।
मैं डॉ. ज्योति मेहरा, आपकी सेक्सोलॉजिस्ट फ्रेंड, 7+ साल से काम कर रही हूं। नपुंसकता, कम लिबिडो, बांझपन जैसी परेशानियों को आसान भाषा में सुलझाती हूं। प्राकृतिक टिप्स और इलाज से मदद करती हूं।