यौन जीवन का आनंद लेना हर पुरुष की ख्वाहिश होती है, लेकिन कई बार जल्दी स्खलन या कम सहनशक्ति के कारण वे संतुष्टि नहीं पा पाते। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि कैसे यौन क्रिया में अधिक समय तक टिक सकते हैं और अपने साथी को भी पूर्ण संतुष्टि दे सकते हैं।
सेक्सुअल हेल्थ हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी प्रभावित करता है। कई पुरुषों के लिए, सेक्सुअल परफॉर्मेंस एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है, खासकर जब बात जल्दी स्खलन (प्रीमैच्योर इजैक्युलेशन) या रतिक्रिया में ज्यादा देर तक न टिक पाने की आती है। यह समस्या न केवल आत्मविश्वास को कम करती है, बल्कि रिश्तों में भी तनाव पैदा कर सकती है।
इस लेख में, हम इस समस्या के कारणों और इसे दूर करने के लिए कुछ प्रभावी तरीकों पर चर्चा करेंगे।

समस्या का कारण क्या है?
सबसे पहले हम यह समझेंगे कि हमें इस समस्या का सामना क्यों करना पड़ता है, और हमारी यौन क्षमता क्यों कम हो जाती है?जल्दी स्खलन या रतिक्रिया में ज्यादा देर तक न टिक पाने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ शारीरिक होते हैं, जबकि कुछ मानसिक या भावनात्मक होते हैं। कुछ सामान्य कारणों में तनाव, चिंता, अवसाद, हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड की समस्या, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा, अत्यधिक मास्टरबेशन या पोर्नोग्राफी का सेवन भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।
रतिक्रिया को अधिक समय तक बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय?
आयुर्वेद में सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए कई प्राकृतिक औषधियों और जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। ये औषधियाँ शरीर की ऊर्जा को बढ़ाती हैं, हार्मोनल संतुलन को सुधारती हैं, और सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। यहाँ पाँच आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जानकारी दी गई है जो सेक्सुअल एक्टिविटी को बढ़ाने में मददगार होती हैं।
1. अश्वगंधा (Ashwagandha)
अश्वगंधा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो शरीर की ऊर्जा और स्टेमिना को बढ़ाती है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, जो सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करती है, जिससे सेक्सुअल इच्छा और परफॉर्मेंस में सुधार होता है। इसे रोजाना दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
2. शतावरी (Shatavari)
शतावरी महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद है। यह जड़ी-बूटी हार्मोनल संतुलन को सुधारती है और सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करती है। शतावरी शरीर की ऊर्जा को बढ़ाती है और थकान को कम करती है। यह पुरुषों में स्पर्म काउंट और महिलाओं में फर्टिलिटी को बढ़ाने में भी मदद करती है। इसे दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
3. कौंच के बीज (Kaunch Beej)
कौंच के बीज सेक्सुअल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह बीज लिबिडो (सेक्सुअल इच्छा) को बढ़ाने में मदद करते हैं और शीघ्रपतन की समस्या को कम करते हैं। कौंच के बीज में एल-डोपा नामक तत्व पाया जाता है, जो सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे पाउडर के रूप में दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
4. सफेद मूसली (Safed Musli)
सफेद मूसली एक प्राकृतिक टॉनिक है जो शरीर की ऊर्जा और स्टेमिना को बढ़ाता है। यह जड़ी-बूटी सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने और शीघ्रपतन की समस्या को कम करने में मदद करती है। सफेद मूसली टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करती है, जिससे सेक्सुअल इच्छा और परफॉर्मेंस में सुधार होता है। इसे दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
5. गोखरू (Gokshura)
गोखरू एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो सेक्सुअल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह जड़ी-बूटी लिबिडो को बढ़ाने और शीघ्रपतन की समस्या को कम करने में मदद करती है। गोखरू शरीर की ऊर्जा और स्टेमिना को बढ़ाती है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह पुरुषों में स्पर्म काउंट और महिलाओं में फर्टिलिटी को बढ़ाने में भी मदद करती है। इसे पाउडर के रूप में दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
शीघ्रपतन और थायरॉयड व मधुमेह के बीच क्या संबंध है?
शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक आम यौन समस्या है, जिसमें पुरुष अपनी इच्छा से पहले ही स्खलित हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि थायरॉयड और मधुमेह जैसी बीमारियाँ भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं? आइए विस्तार से समझते हैं कि इन दोनों बीमारियों का शीघ्रपतन से क्या संबंध है
1. थायरॉयड और शीघ्रपतन का संबंध
थायरॉयड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। थायरॉयड की समस्या, चाहे वह हाइपरथायरॉयडिज्म (अतिसक्रिय थायरॉयड) हो या हाइपोथायरॉयडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉयड), शीघ्रपतन को प्रभावित कर सकती है।
- हाइपरथायरॉयडिज्म (Hyperthyroidism):
जब थायरॉयड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है, तो यह शरीर में तनाव और चिंता को बढ़ा सकती है। यह स्थिति सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करती है और शीघ्रपतन का कारण बन सकती है। इसके अलावा, हाइपरथायरॉयडिज्म से नर्वस सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे स्खलन की प्रक्रिया तेज हो सकती है। - हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism):
जब थायरॉयड ग्रंथि कम सक्रिय होती है, तो शरीर की ऊर्जा और मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे थकान, डिप्रेशन, और सेक्सुअल इच्छा में कमी आ सकती है। यह स्थिति भी शीघ्रपतन को प्रभावित करती है, क्योंकि शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है।
अब समझते हैं, की शीघ्रपतन और मधुमेह के बिच क्या सम्बन्ध है?
मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करती है। यह नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचा सकती है, जिससे सेक्सुअल हेल्थ पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मधुमेह और शीघ्रपतन के बीच संबंध इन कारणों से होते है,
- नर्व डैमेज (Neuropathy):
मधुमेह के कारण शरीर में नसों को नुकसान पहुँच सकता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। यह स्थिति लिंग की संवेदनशीलता को प्रभावित करती है और स्खलन की प्रक्रिया को अनियंत्रित कर सकती है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है। - रक्त प्रवाह में कमी:
मधुमेह के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो सकती हैं, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे इरेक्शन की समस्या (Erectile Dysfunction) हो सकती है, जो शीघ्रपतन को और बढ़ा सकती है। - हार्मोनल असंतुलन:
मधुमेह के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जो सेक्सुअल इच्छा और परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है। इससे शीघ्रपतन की समस्या बढ़ सकती है। - मानसिक तनाव:
मधुमेह के रोगियों को अक्सर तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है, जो शीघ्रपतन को ट्रिगर कर सकता है।
थायरॉइड, मधुमेह और शीघ्रपतन का संयुक्त प्रभाव
थायरॉइड (Thyroid), मधुमेह (Diabetes), और शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) तीनों स्वास्थ्य स्थितियाँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और इनका संयुक्त प्रभाव शारीरिक, मानसिक और सेक्सुअल हेल्थ पर गहरा असर डाल सकता है। जब ये तीनों समस्याएं एक साथ होती हैं, तो यह स्थिति और जटिल हो जाती है। उदाहरण के लिए,
1. हार्मोनल असंतुलन का प्रभाव
थायरॉइड और मधुमेह दोनों ही शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करते हैं। थायरॉइड ग्रंथि द्वारा उत्पादित हार्मोन्स (T3 और T4) शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं, जबकि मधुमेह इंसुलिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। इन दोनों स्थितियों के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो सेक्सुअल हेल्थ को प्रभावित करता है।
- टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना:
थायरॉइड और मधुमेह दोनों ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में सेक्सुअल इच्छा और परफॉर्मेंस के लिए जिम्मेदार होता है। इसके कम होने से शीघ्रपतन की समस्या बढ़ सकती है। - सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (SHBG) का स्तर बढ़ना:
थायरॉइड की समस्या से SHBG का स्तर बढ़ सकता है, जो टेस्टोस्टेरोन को बांधकर उसे निष्क्रिय कर देता है। इससे सेक्सुअल परफॉर्मेंस प्रभावित होती है।
2. नर्वस सिस्टम पर प्रभाव
थायरॉइड और मधुमेह दोनों ही नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं, जो शीघ्रपतन का एक प्रमुख कारण है।
- थायरॉइड और नर्वस सिस्टम:
हाइपरथायरॉइडिज्म (अतिसक्रिय थायरॉइड) के कारण नर्वस सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, हाइपोथायरॉइडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड) से थकान और डिप्रेशन हो सकता है, जो सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है। - मधुमेह और न्यूरोपैथी:
मधुमेह के कारण नसों को नुकसान पहुँच सकता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। यह स्थिति लिंग की संवेदनशीलता को प्रभावित करती है और स्खलन की प्रक्रिया को अनियंत्रित कर सकती है।
3. रक्त प्रवाह पर प्रभाव
थायरॉइड और मधुमेह दोनों ही रक्त वाहिकाओं और रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जो सेक्सुअल हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है।
- थायरॉइड और रक्त प्रवाह:
थायरॉइड की समस्या से रक्तचाप और हृदय गति प्रभावित हो सकती है, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम हो सकता है। इससे इरेक्शन की समस्या हो सकती है, जो शीघ्रपतन को बढ़ा सकती है। - मधुमेह और रक्त प्रवाह:
मधुमेह के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो सकती हैं, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे इरेक्शन की समस्या (Erectile Dysfunction) हो सकती है, जो शीघ्रपतन को और बढ़ा सकती है।
4. मानसिक और भावनात्मक प्रभाव
थायरॉइड और मधुमेह दोनों ही मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, जो शीघ्रपतन का एक प्रमुख कारण है।
- थायरॉइड और मानसिक स्वास्थ्य:
थायरॉइड की समस्या से चिंता, डिप्रेशन, और मूड स्विंग्स हो सकते हैं। यह स्थिति सेक्सुअल परफॉर्मेंस को प्रभावित करती है और शीघ्रपतन का कारण बन सकती है। - मधुमेह और मानसिक स्वास्थ्य:
मधुमेह के रोगियों को अक्सर तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है, जो शीघ्रपतन को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा, मधुमेह के कारण थकान और ऊर्जा की कमी हो सकती है, जो सेक्सुअल इच्छा को कम करती है।
आप थायरॉयड और मधुमेह को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं?
- डॉक्टर से सलाह लें:
थायरॉइड और मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर आपको उचित दवाएं और उपचार बता सकते हैं। - ब्लड शुगर को नियंत्रित करें:
मधुमेह के रोगियों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना चाहिए। इसके लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और दवाओं का सेवन करें। - थायरॉइड का इलाज करें:
थायरॉइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लें और नियमित रूप से थायरॉइड फंक्शन टेस्ट करवाएं। - तनाव कम करें:
तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, और गहरी सांस लेने के व्यायाम करें। - स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद लेना सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। - सेक्स थेरेपी:
यदि समस्या गंभीर है, तो सेक्स थेरेपिस्ट की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है। वे आपको सही टेक्निक्स सिखा सकते हैं।
निष्कर्ष:
सेक्सुअल हेल्थ एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप रतिक्रिया में ज्यादा देर तक नहीं टिक पाते हैं, तो यह समस्या आपके आत्मविश्वास और रिश्तों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, इस समस्या को दूर करने के लिए कई तरीके हैं। तनाव को कम करना, स्वस्थ आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, और सेक्सुअल टेक्निक्स सीखना कुछ ऐसे तरीके हैं जो आपकी सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बेहतर बना सकते हैं। यदि समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
कॉल टू एक्शन (CTA):
यदि आप सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करें। हमारे विशेषज्ञों से सलाह लें और अपनी समस्या का सही समाधान पाएं। सेक्सुअल हेल्थ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हमारे ब्लॉग को पढ़ें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें। याद रखें, सेक्सुअल हेल्थ एक महत्वपूर्ण विषय है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
मैं डॉ. ज्योति मेहरा, आपकी सेक्सोलॉजिस्ट फ्रेंड, 7+ साल से काम कर रही हूं। नपुंसकता, कम लिबिडो, बांझपन जैसी परेशानियों को आसान भाषा में सुलझाती हूं। प्राकृतिक टिप्स और इलाज से मदद करती हूं।